केंद्रीय सतर्कता आयोग CVC

केंद्रीय सतर्कता आयोग

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    केंद्रीय सतर्कता आयोग

    केंद्रीय सतर्कता आयोग CVC सतर्कता के क्षेत्र में केंद्रीय सरकारी एजेंसियों को सलाह तथा मार्गदर्शन देने के लिए के. संथानम की अध्यक्षता में गठित भ्रष्टाचार निवारण समिति की सिफारिशों के आधार पर फरवरी 1964 में केंद्रीय सतर्कता आयोग का गठन किया गया था ।  central vigilance commission

    संसद द्वारा वर्ष 2003 में केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास किया गया, तथा इसे सांविधिक दर्जा प्रदान किया गया।    

    अप्रैल 2004 के जनहित प्रकृति करण तथा मुखबिर की सुरक्षा पर भारत सरकार के संकल्प द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग को भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को प्रकट करने अथवा कार्यालय का दुरुपयोग करने संबंधित शिकायतें प्राप्त करने तथा उचित कार्रवाई की सिफारिश करने वाली एजेंसी के रूप में प्राप्त किया गया ।  केंद्रीय सतर्कता आयोग CVC

    संरचना :-

    केंद्रीय सतर्कता आयोग बहुसदस्य संस्था है ।  इसमें एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त अध्यक्ष तथा सतर्कता आयुक्त होते हैं ।  जिनकी सदस्य संख्या 2 से अधिक नहीं हो सकती ।  

    नियुक्ति समिति

    इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा 3 सदस्य समिति की सिफारिश पर होती हैं ।   

    समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री समिति के अन्य सदस्य होते हैं ।  केंद्रीय सतर्कता आयोग CVC

    कार्यकाल :-

    सतर्कता आयुक्त 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (दोनों में से जो भी पहले हो) पद पर बने रह सकते हैं ।  वे अपने पद पर पुनःनियुक्त नहीं हो सकते ।  

    इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति दुराचार व् असक्षमता  आधार पर भी  सतर्कता आयुक्त के सदस्यों को पद से हटा सकते हैं ।  लेकिन ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति  मामले को जांच के लिए उच्चतम न्यायालय भेजते हैं ।  उच्चतम न्यायालय अपनी जांच के मामले में सही पाता है, तो वह राष्ट्रपति को इस बारे में सलाह देता है ।  इसके बाद राज्यपाल आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों को पद से हटा सकते हैं ।

    सेवा शर्ते :-

    केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के वेतन भत्ते तथा सेवा शर्तें, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के समान एवं अन्य सतर्कता आयुक्त के वेतन भत्ते एवं सेवा शर्तें संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों के समान होते हैं ।  उनके कार्यकाल के दौरान वेतन भत्ते तथा सेवा शर्तों में कोई भी अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता। ।  केंद्रीय सतर्कता आयोग CVC

    कार्य :-

     भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988  के अधीन अपराध हो अथवा लोक सेवकों के कतिपय श्रेणियों के लिए दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत किसी अपराध के अन्वेषण से संबंधित दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (सीबीआई) के कार्य का अधीक्षण करना ।  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत अपराधों के अन्वेषण से संबंधित अधीक्षण के लिए सीबीआई को निर्देश देना

    • केंद्रीय सरकार द्वारा भेजे गए किसी संदर्भ पर जांच करना।  ।  
    • केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम 2003 में विनिर्दिष्ट किसी पदाधिकारी के विरुद्ध प्राप्त किसी शिकायत में जाँच करना।  
    • केंद्रीय सरकार या इसके संगठनों को ऐसे मामलों पर सलाह देना जो आयोग के पास सलाह के लिए भेजे जाएंगे ।  
    • विभिन्न केंद्रीय सरकारी मंत्रालयो, विभागों तथा केंद्रीय सरकारों के संगठनों के सतर्कता प्रशासन पर नजर रखना ।  केंद्रीय सतर्कता आयोग CVC

    केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न संघ के कार्यों से संबंधित लोक सेवाओं तथा पदों पर नियुक्त व्यक्तियों से संबंधित अथवा अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों से संबंधित सतर्कता अथवा अनुशासनिक शिक्षा के  मामलों का नियंत्रण करने वाले कोई भी नियम या विनिमय बनाने से पहले आयोग  से किए जाने वाले अनिवार्य परामर्श पर केंद्र सरकार को सलाह देना ।  केंद्रीय सतर्कता आयोग CVC

    अधिकार क्षेत्र :-

    केंद्रीय सतर्कता आयोग का अधिकार क्षेत्र निम्नलिखित है –

    • अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्य जो संघ के कार्यों के संबंध में सेवा कर रहे हैं तथा केंद्रीय सरकार के समूह के अधिकारी ।  
    • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के श्रेणी 5 के स्तर के तथा उससे ऊपर के अधिकारी ।  
    • भारतीय रिजर्व बैंक नाबार्ड तथा सिडबी,  ग्रेड डी तथा इससे ऊपर स्तर के अधिकारी ।  
    • अनुसूची क, ख, ग तथा घ सार्वजनिक उपक्रमों में मुख्य कार्यपालक तथा कार्यपालक मंडल एवं ई-7, ई-8 तथा इससे ऊपर के अधिकारी। ।  
    • समितियों तथा अन्य स्थानीय प्राधिकरणों में अधिसूचना की तिथि को तथा समय-समय पर यथासंशोधित अनुसार केंद्र सरकार के प्रतिमान पर ₹8700 प्रति माह तथा इससे ऊपर वेतन पाने वाले अधिकारी । केंद्रीय सतर्कता आयोग CVC

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