Category: MPPSC

  • प्रदूषण प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबंधन

    प्रदूषण  प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबंधन

    प्रदूषण प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबंधन प्रदूषण :- ‘‘पर्यावरण प्रदूषण एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें जैविक पदार्थों एवं मानव का जीवन दुर्लभ हो जाये। पर्यावरण के प्रदूषण के लिए बहुत हद तक मानव स्वयं जिम्मेदार है।‘‘ प्रदूषक :- प्रदूषण के कारक तत्वो को प्रदूषक कहते है । प्रदूषण के प्रकार :- मृदा प्रदूषण :- मृदा की…

  • स्वास्थ्य नीति एवं स्वास्थ्य कार्यक्रम

    स्वास्थ्य नीति एवं स्वास्थ्य कार्यक्रम

    स्वास्थ्य नीति एवं स्वास्थ्य कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 :- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के उद्देश्य – उद्देश्य – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-2017 में ‘स्वस्थ नागरिक अभियान’ चलाने का प्रस्ताव है,  जिसमें  ‘स्वस्थ नागरिक अभियान’ सात बुनियादी क्षेत्रों में समन्वित कार्रवाई पर आधारित होगा। ये सात क्षेत्र इस प्रकार हैं:- 1.स्वच्छ भारत अभियान 2.संतुलित, स्वस्थ भोजन…

  • खाद्य प्रसंस्करण

    खाद्य प्रसंस्करण

    खाद्य प्रसंस्करण खाद्य पदार्थ विभिन्न कारणों से संसाधित किए जाते रहे हैं।  प्राचीन काल से फसल कटने पर अनाजों को सुखा लिया जाता है, जिससे उनका सुरक्षा काल बढ़ जाता है। प्रांरभ में खाद्य पदार्थों का संसाधन स्वाद सुधारने और खाद्य पदार्थ की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चत करने के लिए किया जाता था। भारत में आचार,…

  • कृषि-उत्पादन की तकनीक

    कृषि-उत्पादन की तकनीक

    कृषि-उत्पादन की तकनीक भारत में कृषि उत्पादन तकनीक को  दो भागों में विभाजित किया जाता है । परम्परागत कृषि-उत्पादन की तकनीक :- परंपरागत कृषि-विधि और तकनीक में परिवर्तन लाना अति आवश्यक है । फिर भी पिछले कुछ वर्षों में कई प्रकार की कृषि-विधियों की खोज की गई है । इनमें मुख्य हैं परती छोड़ना और…

  • मानव शरीर संरचना

    मानव शरीर संरचना

    मानव शरीर संरचना पाचन तंत्र भोजन के जटिल पोषक पदार्थो व बड़े अणुओं को विभिन्न रासायनिक क्रियाओं और एंजाइम की सहायता से सरल, छोटे व घुलनशील अणुओं में बदलना पाचन कहलाता है। तथा जो तंत्र यह कार्य करता है। पाचन तंत्र कहलाता है। इसके मुख्य रूप से दो भाग है। पाचन अंग :- पाचन ग्रंन्थियां…

  • पोषण

    पोषण

    पोषण :- वह विशिष्ट रचनात्मक उपापचयी क्रिया जिसके अन्तर्गत पादपों में खाद्य संश्लेषण तथा स्वांगीकरण (गुण लगना) और विषमपोषी जन्तुओं में भोज्य अवयव के अन्तःग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण द्वारा प्राप्त उर्जा से शारीरिक वृद्धि, मरम्मत, ऊतकों का नवीनीकरण और जैविक क्रियाओं का संचालन होता है, सामूहिक रूप में पोषण कहलाती है। पोषण के अन्तर्गत निम्नलिखित…

  • पारिस्थितिकीय तंत्र  

    पारिस्थितिकीय तंत्र  

    पारिस्थितिकीय तंत्र   पारिस्थितिकी वह विज्ञान है जिसके अन्तर्गत समस्त जीवों तथा भौतिक पर्यावरण के मध्य उनके अन्तर्संबंधों का अध्ययन किया जाता है। यद्यपि ‘Oecology’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अर्नस्ट हैकेल ने 1869 में किया था। हैकेल द्वारा निर्मित ‘Oecology’ नामावली का विन्यास ग्रीक भाषा के दो शब्दों से हुआ है, जिसमें Oikos (रहने का…

  • पर्यावरण एवं जैव विविधता

    पर्यावरण एवं जैव विविधता

    पर्यावरण एवं जैव विविधता भारत में वन्यजीव संरक्षण परियोजनाएं :- राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) :- वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत वर्ष 2003 में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड का गठन किया गया था। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड वन्य पारस्थितिकी से संबंधित मामलों में सर्वोच्च निकाय के रूप में काम करता है। यह निकाय वन्य जीवन से…

  • भारतीय उपग्रह और अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी

    भारतीय उपग्रह और अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी

    भारतीय उपग्रह और अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी :-    Inscoper भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान का गठन 1962 में प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई (भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक) की अध्यक्षता में किया गया था। जिसने परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करना प्रारंभ किया था।     भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का पुनर्गठन करके 15 अगस्त 1969 को…

  • भारत के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान और उनकी उपलबधियां

    भारत के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान और उनकी उपलबधियां

    भारत के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान और उनकी उपलबधियां वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR ) प्रमुख CSIR प्रयोगशालाएँ :- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) उपलब्धियां :- भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का इतिहास :- इन्सैट श्रृंखला :-     इन्सैट (इंडियन नेशनल सैटेलाइट सिस्टम) भारत के दूरसंचार, प्रसारण, मौसम विज्ञान और खोज-और-बचाव आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए…