मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग MPPSC
गठन :-
- 1 नवम्बर, 1956 के राज्य पुनर्गठन तथा नवीन मध्य प्रदेश के निर्माण के बाद कानून, 1956 की धारा-118 (3) के अनुसार, मध्य प्रदेश के वर्तमान लोक सेवा आयोग का गठन 27 अक्टूबर, 1956 को किया गया। MPPSC
- वस्तुतः इसका गठन वर्ष 1957 में हुआ और वर्ष 1958 में आयोग ने प्रथम परीक्षा आयोजित की तथा तब से यह क्रम निरन्तर चला आ रहा है। MPPSC
मुख्यालय :-
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का मुख्यालय इन्दौर में स्थित है।
प्रथम अध्यक्ष :-
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष डी बी रेंगे थे।
वर्तमान अध्यक्ष :-
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. राजेशलाल मेहरा है ।
कार्य :-
आयोग का मुख्य कार्य राज्य में शासन की विभिन्न श्रेणियों के पदों पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया आयोजित करना है।
वेतन :-
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्यों का वेतन राज्य संचित निधि पर भारित होता है। आयोग के किसी सदस्य की सेवा शर्तों में उसकी सेवाकाल की अवधि के बीच कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
कार्यकाल :-
अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले पूरा कर लें, के लिए होता है। अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को संघ या भारत के किसी भी राज्य सरकार में लाभ का पद ग्रहण करने से वर्जित रखा गया है। यही नहीं, अवकाश प्राप्ति के बाद किसी भी सदस्य को उसी राज्य लोक सेवा का दुबारा सदस्य नियुक्त नहीं किया जा सकता है और न ही अन्य किसी राज्य की लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य या अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
त्यागपत्र :-
राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य राज्यपाल को सम्बोधित करते हुए अपने हस्ताक्षर सहित पत्र द्वारा त्यागपत्र दे सकते हैं।
पदच्युत :-
आयोग के सदस्य अपने पद का दुरुपयोग न करें और किसी प्रकार की मनमानी न करने लगें, इसके लिए संविधान में उन्हें पदमुक्त किए जाने का प्रावधान रखा है। आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करता है, लेकिन उन्हें पदमुक्त करने का अधिकार भारत के राष्ट्रपति को सौंपा गया है । MPPSC
संवैधानिक प्रावधान :-
संविधान के अनुच्छेद 315 में केन्द्र के साथ राज्यों के लिए भी लोक सेवा आयोग का प्रावधान है ।MPPSC
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का संगठन :
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष सहित 7 सदस्य संख्या निर्धारित है। वर्तमान में अध्यक्ष सहित 04 सदस्य कार्यरत है। इसकी संख्या मंत्रिमण्डल के परामर्श से राज्यपाल द्वारा निर्धारित की जाती है । सदस्यों के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं की गयी हैं । कर्तव्यों के संपादन में अध्यक्ष को आयोग की सहायता और सलाह प्राप्त होती है। लोक सेवा अयोग रूल्स ऑफ प्रोसिजर के अंतर्गत आयोग का कार्य संचालन किया जाता हैं।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में पद :-
- अध्यक्ष एवं सदस्य
- सचिव
- उप सचिव
- परीक्षा नियंत्रक
- अपर परीक्षा नियंत्रक
- उप परीक्षा नियंत्रक
- सुरक्षा एवं सतर्कता अधिकारी
- विधि अधिकारी
- अवर सचिव
- स्टाफ आफिसर
- लेखा अधिकारी
- कनिष्ठ लेखा अधिकारी
- अनुसंधान विश्लेषक MPPSC
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग सदस्यों का कार्य-शक्तियाँ :-
- संविधान के अनुच्छेद 320 में संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग के कार्यों का वर्णन किया गया है। राज्य लोक सेवा आयोग परामर्शदात्री निकाय है जो राज्यपाल को निम्नलिखित कार्यों से संबंधित प्रतिवेदन परामर्श के रूप में सौंपते हैं
- संघ और राज्य लोक सेवा आयोगों का यह कर्तव्य होगा कि वे क्रमशः संघ की सेवाओं और राज्य की सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षाओं का संचालन करें।
- यदि संघ लोक सेवा आयोग से कोई दो या अधिक राज्य ऐसा करने का अनुरोध करते हैं तो उसका यह भी कर्तव्य होगा कि वह ऐसी किन्हीं सेवाओं के लिए, जिनके लिए विशेष अर्हताओं वाले अभ्यर्थी अपेक्षित हैं, संयुक्त भर्ती की स्कीमें बनाने और उनका प्रवर्तन करने में उन राज्यों की सहायता करे। MPPSC